Friday 11 February 2011

कभी हमसे बेवफाई तुम ना करना

आज बैठे है पलके बिछाये

कल न मिले तो गम ना करना

आज वफ़ा करते है तुमसे

कल न करे तो दम ना भरना

आज देखते राह तुम्हारी

कल न रुके तो गम ना करना

आज नेह के दीप जले है

कल ये उजाला कम नाकरना

आज बसे है आँखों में हम

कल अश्को में बहा के नम ना करना

आज मिलन की चाह है तुमसे

कल बिछड़ गए तो सितम ना करना

जहाँ रहो खुश रहो मगर

कभी हमसे बेवफाई तुम ना करना

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