Friday 11 February 2011

गणतंत्र


हक़ छीन के जनता का

क्या गणतंत्र मनाएंगे ?

गणतंत्र की परिभाषा को

कब समझ सब पायेंगे ?

राज नेताओ की दोहरी नीति

कैसे अन्याय मिटायेंगे ?

जनहित के दावे करते है

क्या वादों को निभाएंगे ?

महंगाई ने बजट बिगाड़ा

देश को कैसे चलाएंगे ?

दो वक़्त जों मिले न रोटी

तो क्या गणतंत्र बचायेंगे ?

इन सवालो में उलझे है

जवाब कहाँ से लायेंगे ?

आज़ादी के अस्तित्व का

स्वर्णिम काल कहाँ से लायें...

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