"माँ"
औलाद चाहे जाने ना जाने, चाहे वो माने ना माने, माँ की गोदी जन्नत है, माँ ही दिलो की मन्नत है, सूने जीवन की रंगत है, और संस्कारो की अस्मत है, जीती है बच्चो के बहाने,औलाद चाहे जाने ना जाने, चाहे वो माने ना माने, माँ की ममता में स्पंदन है, माँ समता का चन्दन है, देव भी करते वंदन है, सारे रिश्तो का मंथन है,गाती है ममता के तराने,
औलाद चाहे जाने ना जाने,चाहे वो माने ना माने, बच्चे चाहे दुःख पहुंचाए , माँ की आँखों मैं आंसू लाये, फिर भी माँ उनको सहलाये , देती दिल से सदा दुआए, माँ के सपने सदा सुहाने,
औलाद चाहे जाने ना जाने,चाहे वो माने ना माने, माँ का दुलार कोहिनूर है, माँ के बिना सब बे नूर है हर गम उसको मंजूर है, कभी ना होती दिल से दूर है, सहती है दुनियां के ताने,औलाद चाहे जाने ना जाने.......
एक अजनबी
एक अजनबीएक अजनबी से मुलाकात हो गयी ,बातों ही बातों में हर बात हो गई,कुछ उसने कही कुछ हमने कही,पहचान हमारी कुछ यूँ हो गई ,अब उसकी यादे भी साथ हो गई,एक अजनबी से मुलाकात हो गई.....सिलसिला बातों का ये चलता रहा,दिल उनके लिए ये मचलता रहा,अब ख़ास उनकी हर बात हो गई,एक अजनबी से मुलाकात हो गई....ना जाने ये कैसी मुलाकात थी,सबसे जुदा उनमे कुछ बात थी,आँखों ही आँखों में रात हो गई,एक अजनबी से मुलाकात हो गई....हर शाम को सपने सजाते हम ,उनकी बातों में खुद को भुलाते हम,इंतज़ार की अब इन्ताहात हो गई,एक अजनबी से मुलाकात हो गई....
"वो पल" "ये पल"
पल ''वो पल'' जों बीत गयादामन से छूट गया,जिंदगी से रूठ गया,हाँ! वो पल जों अब शायदकभी लौट के नहीं आयेगा,हाथों से फिसल जायेगा,थामलों उस पल को,अपने मज़बूत इरादों से,सार्थक करलो सफलता के वादों से,चलो ''वो पल बीत गया,कोई गम नहीं,अब ''ये पल'' आया हैजों जिंदगी से कम नहीं,उठो जागो कही 'ये पल भीयूहीं न बीत जाये,आओ इस पल पर लक्ष्य साधकर,हम जिंदगी की जंग जीत जाये.......