Tuesday 27 April 2010


"माँ"
औलाद चाहे जाने ना जाने,
चाहे वो माने ना माने,
माँ की गोदी जन्नत है,
माँ ही दिलो की मन्नत है,
सूने जीवन की रंगत है,
और संस्कारो की अस्मत है,
जीती है बच्चो के बहाने,
औलाद चाहे जाने ना जाने,
चाहे वो माने ना माने,
माँ की ममता में स्पंदन है,
माँ समता का चन्दन है,
देव भी करते वंदन है,
सारे रिश्तो का मंथन है,
गाती है ममता के तराने,
औलाद चाहे जाने ना जाने,
चाहे वो माने ना माने,
बच्चे चाहे दुःख पहुंचाए ,
माँ की आँखों मैं आंसू लाये,
फिर भी माँ उनको सहलाये ,
देती दिल से सदा दुआए,
माँ के सपने सदा सुहाने,
औलाद चाहे जाने ना जाने,
चाहे वो माने ना माने,
माँ का दुलार कोहिनूर है,
माँ के बिना सब बे नूर है
हर गम उसको मंजूर है,
कभी ना होती दिल से दूर है,
सहती है दुनियां के ताने,
औलाद चाहे जाने ना जाने.......


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