Saturday 2 April 2011

ऐ मेरे दिल बता- क्यों तू आज उदास है... 


ऐ मेरे दिल बता-

क्यों तू आज उदास है

सब तो तेरे पास है,

खुशियों का अहसास है,

फिर क्यूँ आज उदास है

सूना है मन का आँगन

मुझसे रूठा आज ये मन

कैसे इसे मनाऊं मै

क्या कहकर बहलाऊं मै

तू जाने सब भेद ऐ दिल

तुझसे ही तो आस है

ऐ मेरे दिल बता -

क्यों तू आज उदास है,

चेहरा है आइना तेरा

ऐ मेरे दिले नादान

क्यों तू इसके रंग बदलता

करता है फरमान

तेरी हर उलझन पर अब तो

अटकी मेरी साँस है,

ऐ मेरे दिल बता-

क्यों तू आज उदास है...

3 comments:

  1. नसीब पर जिंदगी अपनी खेली जाती है,
    हाथों की लकीरों पर तक़दीर पाई जाती है,

    खुश किस्मत होते हैं वो जिन के दिलों में,
    आप जैसी दोस्त की तस्वीर पाई जाती है..!

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  2. sundar panktiya raj ji..thanx..

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