Monday 31 May 2010

मुस्कान

"मुस्कान"
हर चेहरे की सुन्दरता है मुस्कान,
हर लम्हों की मधुरता है मुस्कान,
जीवन का पल -पल हो मुस्कानों की सौगात
तो ख़ुशी से कट जाएगी ये अपनी उम्र तमाम,
हर इंसां की चाहत है मुस्कान,
दिल के गहरे ज़ख्मो से राहत है मुस्कान,
हंसी दवा सब रंजो ग़मों की
हंसी दुवा है टूटे दिलो की
फूलो से है भवरे की पहचान
माँ के आँचल में बच्चो की मुस्कान,
जीवन की राहो में मुस्कानों की धारा हो,
खिले हुवे फूलों की तरह हँसता चेहरा प्यारा हो,
मुस्कान मिटा देती है हर दुःख हर चिंता की रेखा,
इस दुनिया में है वो अकेला जिसने हँसना ना सीखा,
सुख हो या दुःख, ख़ुशी हो या गम कभी नहीं घबराना है,
सुनसान डगर के अंधेरो में भी मुस्कान की ज्योत जलाना है.

3 comments:

  1. ....दिल के गहरे ज़ख्मो से राहत है मुस्कान...बहुत अच्छी रचना.

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  2. फूलो से है भवरे की पहचान
    wah ...muskaan jeevan ke karm kshtra ko jeevan ki rah ko bahut saras banati hai ....bahut acha likha hai aapne

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