Wednesday 10 August 2011

दिल तो होता ही टूटने के लिए है.....

यूँ तो ये दिल कई बार टूटा है,

कभी अपनों से तो कभी सपनो से

कभी बेगानों से तो

कभी चाहत के दीवानों से

कभी बिखरे अरमानो से

दिल टूटता रहा हम जोड़ते रहे

बार- बार

ये बिखरता रहा और हम संवारते....रहे

बार- बार

लेकिन किसी से शिकवा नहीं

गिला नहीं क्योकि -

दिल तो होता ही टूटने के लिए

कभी तन्हाइयो से तो

कभी रुसवाइयो से टूटा है दिल

कभी ख्वाबों खयालों से टूटा ये दिल

दिल टूटता रहा हम जोड़ते रहे

बार - बार

क्योकि हम जानते है.....

दिल तो होता ही टूटने के लिए है.....

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