बातें तो होती है बातें
इधर की बातें उधर की बातें
बिन हवा उड़ जाती बातें,
महफ़िल में रंग जमाती बातें
अच्छी हो या बूरी बातें
...ज़ुबा का स्वाद बढ़ाती बातें,
रस ले-लेकर होती बातें
जब किसी की आती बातें,
कौन बूरा है कौन भला है
ये निर्णय सुनाती बातें,
बिना लक्ष्य की,बिना अर्थ की
बे- सिरपैर की होती बातें,
जीवन में कुछ लक्ष्य है जिनके
वक़्त न उनका गंवाती बातें.....
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