हक़ छीन के जनता का
क्या गणतंत्र मनाएंगे ?
गणतंत्र की परिभाषा को
कब समझ सब पायेंगे ?
राज नेताओ की दोहरी नीति
कैसे अन्याय मिटायेंगे ?
जनहित के दावे करते है
क्या वादों को निभाएंगे ?
महंगाई ने बजट बिगाड़ा
देश को कैसे चलाएंगे ?
दो वक़्त जों मिले न रोटी
तो क्या गणतंत्र बचायेंगे ?
इन सवालो में उलझे है
जवाब कहाँ से लायेंगे ?
आज़ादी के अस्तित्व का
स्वर्णिम काल कहाँ से लायें...
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