Monday 5 December 2011

''गरीबी का दर्द ''





आँगन में फटी चटाई
एक टूटी सी चारपाई
भूख से बच्चे बिलख रहे है
और चूल्हा फूंकती माई,
भूखे बच्चो की रुलाई
हाय कैसे करे भरपाई
बीमारी ने डेरा डाला
और मार गई महंगाई,
अभिशप्त गरीबी आई
ये कैसी उदासी लाई
हर ख़ुशी को तरसे नैना
ये है कडवी सच्चाई,
रब ने सारी दुनिया बनाई
भेद ये कैसा, कैसी खुदाई
दर्द गरीबी का है या
है किस्मत की बेवफ़ाई

4 comments:

  1. काश हर कोई एसा सोचे
    I wish everyone thought like that

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  2. thanx...om prakash sirohiya ji..

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  3. Very Nice...........Renu Ji

    Bahut Gahraai se likha hai aapne....!!!

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  4. shukriya..aditya agrawal ji..

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