''गरीबी का दर्द ''
आँगन में फटी चटाई
एक टूटी सी चारपाई
भूख से बच्चे बिलख रहे है
और चूल्हा फूंकती माई,
भूखे बच्चो की रुलाई
हाय कैसे करे भरपाई
बीमारी ने डेरा डाला
और मार गई महंगाई,
अभिशप्त गरीबी आई
ये कैसी उदासी लाई
हर ख़ुशी को तरसे नैना
ये है कडवी सच्चाई,
रब ने सारी दुनिया बनाई
भेद ये कैसा, कैसी खुदाई
दर्द गरीबी का है या
है किस्मत की बेवफ़ाई
काश हर कोई एसा सोचे
ReplyDeleteI wish everyone thought like that
thanx...om prakash sirohiya ji..
ReplyDeleteVery Nice...........Renu Ji
ReplyDeleteBahut Gahraai se likha hai aapne....!!!
shukriya..aditya agrawal ji..
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