भीड़ मै है पर तन्हाई है,
कभी ऐसा भी होता है.
लभ खामोश पर दिल में दुहाई है,
कभी ऐसा भी होता है.
आँखे हंसती दिल रोता है,
कभी ऐसा भी होता है.
मन जागे पर तन सोता है,
कभी ऐसा भी होता है
मिलन की आस पर दूर बसेरा,
कभी ऐसा भी होता है.
रात चांदनी पर दिल मे अँधेरा,
कभी ऐसा भी होता है,
तुफा है पर कश्ती नहीं है,
कभी ऐसा भी होता है.
राहें जुदा पर मंजिल वही है,
कभी ऐसा भी होता है.
नींद वही पर ख्वाब नया है,
कभी ऐसा भी होता है.
लब्ज वही पर अंदाज़ नया है,
कभी ऐसा भी होता है.
सागर है पर प्यास न बुझती,
कभी ऐसा भी होता है.
दौलत है पर काम न आती,
कभी ऐसा भी होता है.
हम है पर खुद में नहीं है,
कभी ऐसा भी होता है.
जों हम चाहे मिलता नहीं है,
कभी ऐसा भी होता है...
कभी कुछ पढ़ते-पढ़ते दिल किसी को याद करता है... ऐसा भी होता है...
ReplyDeleteबहुत खूब...
ji thanx...puja ji
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